बनही से आबा रे मिरिगबा लिरिक्स बरुआ गीत
बनही से आबा रे मिरिगबा बरुआ गीत
बनही से आबा रे मिरिगबा,फरिकबा मा ठाड़े हंइ हो,
उचा हो न अजबा ओन्हइ राम,
मिरिग मारि लाबउ हो,
आजु अक्षत राम के बरुआ,
मिरिग मारि लाबउ हो,
ओनखा चाही मृगछाला हो,
बनही से आबा रे मिरिगबा,
फरिक मा ठाड़े हंइ हो,
बनही से आबा रे मिरिगबा,
फरिकबा मा ठाड़े हंइ हो,
उचा हो न बाबू अजय राम,
मिरिग मारि लाबउ हो,
आजु अक्षत राम के बरुआ,
मिरिग मारि लाबउ हो,
ओनखा चाही मृगछाला हो,
बनही से आबा रे मिरिगबा,
फरिक मा ठाड़े हंइ हो,
बनही से आबा रे मिरिगबा,
फरिकबा मा ठाड़े हंइ हो
उचा हो बपबा अनूप राम ,
मिरिग मारि लाबउ हो
आजु अक्षत राम के बरुआ,
मिरिग मारि लाबउ हो,
ओनखा चाही मृगछाला हो
बनही से आबा रे मिरिगबा,
फरिक मा ठाड़े हंइ हो।
बरुआ गीत || वनही से आबा रे मिरिगबा फरिकबा मा ठाड़े हां हो || BARUA GEET || SAVITRI MISHRA
इस लोक गीत से सबंधित अन्य लोक गीत निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन लोक गीतों को भी देखें.