ढिंढोरा पिटवा दूँगा, छपवा दूँगा अखबार में, मैं ढिंढोरा पिटवा दूँगा, छपवा दूँगा अखबार में, सांवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में, मेरे साँवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में।
जो भी खाटू आता है, दीवाना सा हो जाता है, झोली छोटी पड़ जाती ये, इतना माल लुटाता है, हर दम पार लगाईं नैया, छोड़े ना मझधार में, सांवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में, मेरे साँवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में।
अपने दिल की बातें जो मेरे, श्याम प्रभु से करता है, सेठ सांवरा खाटूवाला, उसका दामन भरता है, हर वादा पूरा होता, मेरे श्याम की सरकार में, सांवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में, मेरे साँवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में।
जो चाकर सांवरिया का, उसके ठाठ निराले हैं, सारी चिंता दूर करे, ऐसे खाटूवाले हैं, ढोल बजाके सोनू लक्खा जाएगा दरबार में, सांवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में, मेरे साँवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में।
ढिंढोरा पिटवा दूँगा, छपवा दूँगा अखबार में, मैं ढिंढोरा पिटवा दूँगा, छपवा दूँगा अखबार में, सांवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में, मेरे साँवरिया सा सेठ कोई, दूजा ना संसार में।