जय श्री श्याम प्रेमियों,आज मैं श्री श्याम बाबा की कृपा की एक सच्ची घटना, कथा के माध्यम से सुनाने जा रही हूँ।
दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान, खाटू वाले श्याम सुन्दर की, यही तो है पहचान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
(प्रेमियों, ये हापुड़ की बिलकुल सच्ची घटना है, जो बाबा ने चमत्कार किये वो ही चमत्कार आप सब के बीच में कथा के माध्यम से रखने जा रही हूँ, आप सभी ध्यान पूर्वक सुनिए। )
कृपा मैं श्याम प्रभु की, आज तुमको दिखलाऊ, एक सच्ची घटना की, कथा मैं गा के सुनाऊं, जिला हापुड़ की बात है, जिसे मैं बतलाती हूँ, एक दम्पति के मन की, व्यथा मैं समझाती हूँ, उन दोनों की जान थी उनकी, इकलौती संतान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
( उनका बच्चा बहुत बीमार पड़ जाता, माँ बाप बच्चे को लेकर डॉक्टर को दिखलाते हैं, अस्पताल में भर्ती करवाते हैं, सारे टेस्ट करवाने के बाद भी डॉक्टरों को बच्चे की बिमारी का पता नहीं चल पाते हैं, डॉक्टर भी हार मान लेते हैं, और बच्चे के माँ बाप को ब्लोलते हैं, अब बच्चे को अपने घर ले जाओ )
बात डॉक्टर की सुन के, दोनों रोने लगते हैं, चेहरा आंसुओं से अपना, दोनों धोने लगते हैं, बचा लो लाल को मेरे, ले लो धन दौलत सारे, नहीं क्यों ठीक हो रही, लगी कैसी बिमारी, विनती करते हैं हम तुमसे, बचा लो इसके प्राण, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
(पति पत्नी डॉक्टरों के आगे, रोते हैं, गिडगिडाते हैं, किसी भी तरह मेरे बच्चे को बचा लो, डॉक्टर साहब, मगर डॉक्टर तो हार चुके थे, उन्होंने साफ़ कह दिया, हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं, आप अपने बच्चे को घर ले जाओ, सेवा करो, भगवान् से प्रार्थना करो, भगवान ही कोई चमत्कार कर सकते हैं। )
अपने बच्चे को लेकर, दोनों घर आ जाते हैं, देख के बच्चे की हालत, हाथ मल रह जाते हैं, उनके बच्चे की हालत, दिनों दिन बिगड़ रही थी, उनकी आँखों के सामने, साँसे उखड रही थी, करे प्रार्थना, दोनों रोके, दया करो भगवान्, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
(बच्चे की माँ रोते हुए अपने पति से कहती है, बच्चे को लेकर खाटू वाले श्याम बाबा के दरबार चलते हैं, उनसे रो रो कर विनती करेंगे, अपने बच्चे की जिन्दगी की भीख मांगेगे, सुना है उनकी शरण से आज तक कोई निराश नहीं लौटा, बाबा मेरी भी सुनेगा, बाबा अवश्य सुनेगा, जरुर सुनेगा। )
मन में उम्मीदें लेकर, श्याम दरबार में आएं, खड़े हैं श्याम के आगे, नैन से नीर बहाए,
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गोद में बालक लेकर, खड़ी है उसकी माता, हाल बेहाल लाल का, माँ से ना देखा जाता, कृपा कर दो, पुत्र पे मेरे, खाटू के बाबा श्याम, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
(श्याम बाबा की आरती हो रही थी, अपने बच्चे को गोद में उठाये माँ बिलख बिलख कर रो रही थी, बगल में बच्चे का पिता भी बिलख रहा है, दोनों की अंतरात्मा चीख रही थी, श्याम बाबा से प्रार्थना कर रही है, हे बाबा मेरे लाल को ठीक कर दो, पुजारी सब को हटाने लगता है, मगर ममता भरी माँ, कैसे हट जाती, वो जिद पे अड़ी थी, और बाबा को निहारे जा रही थी। )
बोली बच्चे की माता, बात मेरी सुनों पुजारी, श्याम बाबा के आगे, बन के हम खड़े भिखारी, श्याम जल लेकर आओ, लाल को छींटा मारो, श्याम बाबा से कहकर, हमारे कष्ट निवारों, अगर लाल मेरा ठीक हुआ ना, दे देंगे हम जान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
( तभी अन्दर से दुसरे पुजारी जी आ जाते हैं, उस माँ को श्याम जल देकर कहते हैं, बेटी अपने बच्चे को लेकर अब घर चले जाओ, श्याम बाबा तेरा कष्ट अवश्य दूर करेंगे, इस श्याम जल को बच्चे की आँखों पे लगाना, देखना श्याम बाबा की कृपा से तेरा बेटा ठीक हो जाएगा, विश्वाश रख बेटी, तेरा लाल अवश्य ठीक होगा। )
श्याम जल लेकर के वो, लौट घर वापस आये, दोनों की आखों से सांसु, अभी तक रुक ना पाए, श्याम जल आँखों पे उसके, माता लगा रही है, उठो तुम आँखे खोलो, लाल को जगा रही है,
बेहोशी की हालत में है, बालक वो नादान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
( पुजारी के बताये अनुसार, बेटे की आँखों पे श्याम जल लगाते हैं, और श्याम जल के छींटे भी मारते हैं बच्चे के उपर, और फिर देखते हैं श्याम बाबा के श्याम जल का चमत्कार, बच्चा आँखे खोल देता है, ये देखकर उसके माता पिता के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता, ख़ुशी से पागल हो जाते हैं, और दोनों बार बार श्याम बाबा के जयघोष लगाते हैं, जयकार करते हैं, बोलो हारे के सहारे की जय। )
आँख बच्चे ने खोली, होश में आ गया बेटा, उठ कर वह बैठ गया था, अभी तक था जो लेता, झट से माँ बाप ने उसको, उठा के गले लगाया, जुबा पे नाम वही फिर, श्याम बाबा का आया, मुरझाये चेहरों पे उनकी, आ गई थी मुस्कान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
( जिसको बड़े बड़े डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, बड़े बड़े हकीमों ने हाथ खड़े कर दिए थे, वही बच्चा श्याम बाबा की कृपा से, श्याम जल के स्पर्श से ठीक हो जाता है, धीरे धीरे दस से पंद्रह दिनों के अन्दर, वह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है, माता पिता की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है, दोनों बाबा की जयकार लगाते फिरते हैं, बाबा के जयघोष करते रहते हैं। )
फिर से बच्चे को अपने, जाके डॉक्टर को दिखाए, देख के उस बालक को, सभी का सर चकराए, उनसे डॉक्टर ने पूछा, ये कैसे ठीक हुआ है, जरा हम भी तो देखें, के वो कैसी दवा है, श्याम जल को देख के डॉक्टर, हुआ बड़ा हैरान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया मेरे श्याम ने जीवन दान। दिया बाबा ने जीवन दान, दिया श्री श्याम ने जीवन दान।
(जब डॉक्टर ने पूछा की, इसका इलाज किस डॉक्टर ने किया है, कौनसी दवा दी थी, जरा हम को भी दिखाओ, तो बच्चे की माँ ने शीशी में भरा हाउ श्याम जल दिखा दिया, और बोली दुनियाँ के सबसे बड़े डॉक्टर ने मेरे बेटे का इलाज किया है, ये रही वो दवा, जिसे श्याम जल कहते हैं, श्याम नाम जल की दवा ने, मेरे बेटे की जान बचा दी, मेरे घर की रौशनी लौटा दी। )
श्याम जल बनी दवाई, कट गई हर बिमारी, देख लो डॉक्टर साहब, श्याम जी की दातारी, हारे का जो है सहारा, वही है वैद्य हमारा, श्याम की शरण जो आया, कभी ना फिर वो हारा, कथा लिखे सुखदेव अंजना, कथा लिखे सुखदेव अंजना, करती है गुणगान, दिया बाबा ने जीवन दान, दिया मेरे श्याम ने जीवन दान। दिया बाबा ने जीवन दान,