रंगी गुब्बारों से मंडप सजाया है, मिश्री मावे का एक केक मंगाया है, नाचेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का आया, झूमेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का आया।
कार्तिक की ग्यारस है आई, मोरवी के घर जन्मे कन्हाई, खाटू नगरी आज सजी है, गूँज उठी घर घर शहनाई, नजर जहाँ तक जाए, श्याम निशान लहराये, सिंह द्वार पे देखो, ढोली ढोल बजाये, जग से ये न्यारा है, श्याम हमारा है, हारे का साथी है, ये प्राण से प्यारा है, झूमेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का आया।
मोरछड़ी लेहराओ रे, भक्तों के भाग्य जगाओ रे, दोनों हाथ उठा कर के, बाबा को आज बुलाओ रे, दर्शन तेरा पाकर के, क़िस्मत अपनी जगाई, पलकें बिछाकर के बैठे, आज हैं लोग लुगाई, खाटू का राजा है, राजा महाराजा है, हार के आया जो भी, उसको नवाजा है, झूमेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का आया।
दुनियां में हारे का सहारा, तू कहलाने वाला है, श्याम परिवार का बाबा अब, बस तू ही रखवाला है, तोहफ़ा नहीं हम लाये, मांगने खुद हम आये, खाली नहीं लौटाना, दुनिया के हैं सताए, अर्ज़ी हमारी है, मर्ज़ी तुम्हारी है, भक्तों के दिल पे आज, छाई खुमारी है झूमेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का आया।
रंगी गुब्बारों से मंडप सजाया है, मिश्री मावे का एक केक मँगाया है, नाचेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का आया, झूमेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का आया।