सती माता जी की आरती भजन लिरिक्स

सती माता जी की आरती Rani Sati Mata Aarti Rani Sati Mata Aarti


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राणी सतीजी का मंदिर/Rani Sati (Shakti) Temple: रानी सती माता का मंदिर राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित है। रानी सती को नारायणी देवी भी कहते हैं। सती माता दादीजी के नाम से लोकप्रिय हैं। सती माता का मंदिर 400 साल पुराना है।मंदिर का निर्माण संगमरमर के पत्थरों से हुआ है।
रानी सती माता राजस्थान में नारी के सम्मान का प्रतीक है। इनके मंदिर में शनिवार तथा रविवार को भक्त जनों की भारी भीड़ होती है।
राजस्थान में सती माता को नारी शक्ति का स्वरूप माना जाता है। सती माता अपने पति के हत्यारों का वध करने के पश्चात अपने पति के साथ सती हो गई थी।राजस्थान वासी ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से भक्तजन माता के दर्शन के लिए आते हैं। सती माता का मेला भाद्रपद की अमावस्या तिथि को लगता है। भाद्रपद की अमावस्या को मेले में भक्तजनों का उत्साह देखते ही बनता है।
सती माता के मंदिर में कई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। यहां भगवान शिव, पार्वती माता, श्री राम, सीता माता, लक्ष्मण जी, हनुमान जी, गणेश जी और भगवान लक्ष्मी नारायण जी की मूर्तियां भी स्थापित है। शेखावाटी क्षेत्र में सती माता नारी शक्ति का प्रतीक हैं।

सती माता जी की आरती /Rani Sati Mata Aarti

जय राणी सती माता,
जय राणी सती माता।
ध्यावत तुमको निशिदिन,
सुख सम्पत्ति पाता।
जय सती माता।

धूप, दीप, नैवेद्य,
श्रीफल भेंट तेरी ल्याता।
दया करो निज भक्त जानकर,
तेरा गुण गाता।
जय सती माता।

शहर झुंझनू भवन बन्यो है,
शोभित मंड साजे।
भक्त खंड्यां सेवा में हाजिर,
नित नोबत बाजे।
जय सती माता।

चन्दन अक्षत, मोदक,
भोग लागे पेड़ा।
जो कोई ध्यावे, आनन्द पावे,
पार करे बेड़ा।
जय सती माता।

बड़ा बाजार भवन बन्यो है,
देखत मन मोहे।
सुवर्णहार श्रृङ्गार गले विच,
शीश छत्र सोहे।
जय सती माता।

चन्दन अगर कपूर की बाती,
घृत दीपक जोवें।
पूजा भक्त करे नितचित से,
इच्छा फल होवे।
जय सती माता।

कलकत्ता में आय पूजी तूं,
भक्तन मनमानी,
इच्छा पूरण करती,
माता सती राणी।
जय सती माता।

पति आप के मैया,
रण में जूझ पड़े।
सती हो गई संग पति के,
स्वर्गवास करे।
जय सती माता।

जय जयकार हो रही मैया,
सेवक ध्यान धरे।
शहर झुंझनू भवन बन्यो है,
निशिदिन वास करे।
जय सती माता।

कलकत्ते में प्रकट भई,
तू भक्तन मनमानी।
सब जाति मनावे,
बड़ा बाजार प्रगट भई है,
यात्री सब आये।
अन्न धन देती मैया सबको,
बांझ पुत्र पावे।
जय सती माता।

द्वारे ध्वजा फहराये मैया,
नित नोबत बाजे।
ब्राह्मण वेद उचारत,
शीश छत्र साजे।
जय सती माता।

मंगसिर बदी नौमी का,
मेला होता भारी।
रोली, मोली, श्रीफल,
भेंट चढ़े थारी।
जय सती माता।

लड्डू बुदिया भोग लगत हैं,
प्रसाद सभी पावे।
घंटा शंख बजत हैं निशदिन,
विप्र वेद गावे।
जय सती माता।

राणी सती मैया की आरती,
जो कोई नर गावे।
इच्छा पूरण होवे,
सुख सम्पत्ति पावे।
जय सती माता। 
Dvitiya Aarti Lyrics
Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ।
Apne Bhakt Janan Ki,
Door Karan Vipada ॥
Avani Anantar Jyoti Akhandit,
Mandit Chahunk Kumbha ।
Durjan Dalan Khadg ki,
Vidhut Sam Pratibha ॥

Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ॥

Markat Mani Mandir Ati Manjul,
Shobha Lakhi Na Pare ।
Lalit Dhvaja Chahun Aure,
Kanchan Kalash Dhare ॥

Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ॥

Ghanta Ghanan Ghadaval Baje,
Shankh Mridang Dhure ।
Kinnar Gayan Karte,
Ved Dhwani Uchare ॥

Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ॥

Sapta Matrika Kare Aarti,
Surgan Dhyan Dhare ।
Vividh Prakar Ke Vyanjan,
Sriphal Bhentha Dhare ॥

Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ॥

Sankat Vikat Vidarani,
Nashani Ho Komati ।
Sevak Jan Hriday Patale,
Mridul Karan Sumati ॥

Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ॥

Amal Kamal Dal Lochani,
Mochani Traya Tapa ।
Sevan Aayo Sharan Aapki,
Laaj Rakho Mata ॥

Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ॥

Ya Miyaji Ki Aarti pratidin,
Parti Din Jo Koi Gata ।
Sadan Siddhi Nav Nidhiphal,
Mann Vancchit Paave ॥

Om Jai Sri Ranisatiji Mata,
Maiya Jai Rani Sati Mata ।
Apne Bhakt Janan Ki,
Door Karan Vipada ॥


भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)


Om Jai Shree Rani Sati Ji Aarti Shree Rani Sati Ji Ki | Mata Sati Ji ki Aarti | Sati Dadi Ji Aarti

रानी सती मंदिर झुंझुनू की एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर के कई भागों को कांच के द्वारा सजाया गया है, जो इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देता है। मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जो इसे एक आध्यात्मिक केंद्र बनाते हैं।

रानी सती मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मंदिर में रानी सती की एक विशाल प्रतिमा है। प्रतिमा के चारों ओर एक खूबसूरत मंदिर परिसर है। परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें शिव मंदिर, हनुमान मंदिर और गणेश मंदिर शामिल हैं।

मंदिर परिसर में हर साल भाद्रपद माह की अमावस्या को एक भव्य मेला का भी आयोजन होता है। इस मेले में देश भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं।

रानी सती मंदिर राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मंदिर राजस्थान के लोगों के लिए एक आस्था का प्रतीक है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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