मायके के रो कुरचा खोलो लली
(कुरचा )मतलब मायके से मिले पैसे
लिरिक्स:--
मायके के रो कुरचा खोलो लली
मांगे मांगे सास रानी गज भर छींट
बहु रानी ने मारी अटा चढ़ ईंट
मांगे मांगे जेठानी रानी गले हंसली
बहु रानी ने तोड दई दोनो पसली
मांगे मांगे ननद रानी छल्ला मुदरी
बहु रानी ने तोड़ दई दस उंगली
मांगे मांगे देवर लाला दो लडुआ
बहु रानी ने फोड़ दिए दोऊ गलुआ
हमें ना चाहिए ना चाहिए गज भर छींट
अपनी मम्मी को मारो अटा चढ़ ईंट
हमें ना चाहिए ना चाहिए गले हंसली
अपनी भाभी की तोड़ दियो दोनों पसली
हमें ना चाहिए ना चाहिए छल्ला मुदरी
अपनी बहना की तोड़ दियो दस उंगली
हमें ना चाहिए ना चाहिए दो लडुआ
अपने भैया के फोड़ दियो दोऊ गलुआ
लोक गीत श्रेणी : लोकगीत Lokgeet/Folk Song
मायके के रो कुरचा खोलो लली