ग्यारस की ग्यारस हर बार, जाता हूं मैं श्याम के द्वार, ग्यारस की ग्यारस हर बार, जाता हूं मैं श्याम के द्वार, पर मुझ को घर बैठे भी, ऐसा लगता है कई बार , खाटू गये बगैर, खाटू गये बगैर, मुझे श्याम मिल गया, दर्शन किये बगैर, दर्शन किये बगैर, मुझे दर्श मिल गया।
मिल जाता है मुझे अगर, अंधा लंगड़ा रस्ते पर, उसे सहारा देकर मैं, पहुंचाता जब उसे घर,
लगता है एक निशान, मेरा आज चढ़ गया, खाटू गये बगैर, मुझे श्याम मिल गया, दर्शन किये बगैर, दर्शन किये बगैर, मुझे दर्श मिल गया।
बालक भूखा दिख जाये, मुझ से रहा नहीं जाये, उस को रोटी देकर ही, चैन मेरे दिल को आये, लगता है श्याम को, की मेरा भोग लग गया, खाटू गये बगैर, मुझे श्याम मिल गया, दर्शन किये बगैर,
Khatu Shyam Ji Bhajan Lyrics in Hindi,Krishna Bhajan Lyrics Hindi
दर्शन किये बगैर, मुझे दर्श मिल गया।
चिथड़ो में दिखी एक बहन, छिपा रही हाथों से तन, चीर उढ़ाया उस को तो, आंखे हो गई उस की नम, ऐसा लगा मुझे, ऐसा लगा मुझे, की मेरा श्याम सज गया, खाटू गये बगैर, मुझे श्याम मिल गया।
श्याम की सेवा को जानो, सार्थक तभी है ये मानो, दीनानाथ के दीनों की, मदद करो तुम दीवानो,
सोनू लगेगा ये, के तुम्हें श्याम मिल गया, खाटू गये बगैर, मुझे श्याम मिल गया, दर्शन किये बगैर, दर्शन किये बगैर, मुझे दर्श मिल गया।
ग्यारस की ग्यारस हर बार, जाता हूं मैं श्याम के द्वार, ग्यारस की ग्यारस हर बार, जाता हूं मैं श्याम के द्वार, पर मुझ को घर बैठे भी, ऐसा लगता है कई बार , खाटू गये बगैर, खाटू गये बगैर, मुझे श्याम मिल गया, दर्शन किये बगैर, दर्शन किये बगैर, मुझे दर्श मिल गया।