सागर से गहरे तुम हो, अंत नहीं जानूं, मेरा वजूद तुम हो, बस ये ही मानूं, सागर से गहरे तुम हो, अंत नहीं जानूं, मेरा वजूद तुम हो, बस ये ही मानूं।
जीवन में अपने, किनारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते, तुम भी तो बाबा, हमारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते।
मैं हूं तुम्हारा, तुम हो हमारे, अगर जीत जाता शायद, आता ना द्वारे, करुणा के तेरे श्याम, इशारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते, जीवन में अपने, किनारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते।
जीत हार हाथ तेरे, कर्म हैं हमारे, तेरे होते चिंता कैसी, ओ मेरे प्यारे, हम भी तेरी आंखों के, तारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते, जीवन में अपने, किनारे ना होते।
दुख जो न आता, बाबा जीवन में मेरे, दर पे तुम्हारे रोमी, लगाता ना फेरे, रो रो के तुम को, पुकारे ना होते, तुम भी तो बाबा, हमारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते, जीवन में अपने, किनारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते।
जीवन में अपने, किनारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते, तुम भी तो बाबा, हमारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते, अगर तेरे दर पे आके, हारे ना होते।