मैं श्वेत वीरानी रंग, श्यामल नूरानी हो गई, मैं श्वेत वीरानी रंग, श्यामल नूरानी हो गई, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी।
जग हरजाई सब, प्रीत न मानी, पिया बैरी माने मोरे, इसे जग हसाई, किसको सुनाऊं, पीर विरह जताऊं, मुंदे जब अखियन, तुझको ही पाऊं श्याम, सब राजपाट छोड़, तेरे प्रीत में बैरागी हो गयी, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी, मैं श्वेत वीरानी रंग, श्यामल नूरानी हो गई, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी,
गोपी थी मैं पिछले, जन्म में गोविंद, रही जो अधूरी अगन, उसको है बुझानी, रचा है ये कैसा, जुल्म रे कान्हा, पिया को भी देखूं, जब तुझ को ही पाऊं, बाल मन में मान स्वामी, तेरे दर्श की रोगी हो गयी, बाल मन में मान स्वामी, तेरे लगन में जोगी हो गई, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी, मैं श्वेत वीरानी रंग, श्यामल नूरानी हो गई, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी।
तुझ को पहन के, अंग अंग साजे, धड़कन भी देखो, मेरा धुन मुरली बाजे, रस ये लगन का, रग रग समा है, नृत्य से बालम मेरा, पांव न थमा है, मान औषधी मैं कान्हा तुमको, दर्श की रोगी हो गयी, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी, मैं श्वेत वीरानी रंग, श्यामल नूरानी हो गई, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी।
मैं श्वेत वीरानी रंग, श्यामल नूरानी हो गई, मैं श्वेत वीरानी रंग, श्यामल नूरानी हो गई, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी, तेरे रूह छुवन से मैं कान्हा, ये बावली दीवानी हो गयी।