आओ श्यामजी कन्हैया नंदलालजी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी,
आओ श्याम जी, आओ श्याम जी,
आओ श्याम जी, आओ श्याम जी,
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी।
ओ मोर मुकुट वाले प्रितम,
दासी की ओर निहार ज़रा,
तेरे द्वार पड़े युग बीत गये,
कर दो करुणा इक बार जरा,
मैं भव सागर में डूब रही,
बन आवो खेवनहार जरा,
मैं तेरे दर पे पड़ी रहूँ,
कर दो इतना उपकार जरा,
आओ श्याम जी कन्हैयाँ नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी।
थोड़ी सी झलक दिखा दो हमे,
क्यों पर्दे में छिपे रहते हो,
क्या राज है तेरे छिपने में,
जो छिप छिप कर मुस्काते हो,
माना के तुम हो बहुत हँसी,
लग जाए ना तुमको नजर कहीं,
हृदय में छिपा लूंगी मोहन,
जो दुनिया से शर्माते हो।
सुनते हैं तेरे दिवानों से,
तेरी प्रीत की रीत निराली है,
सब कुछ उसका हर लेते हो,
इक बार जिसे अपनाते हो,
सब शर्ते तेरी मंजूर हमें,
अब आओ देर लगाओ ना,
इस विरहन दुखिया दासी को,
तुम क्यों इतना तड़पाते हो,
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी,
आओ श्याम जी कन्हैयाँ नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी।
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी,
आओ श्याम जी, आओ श्याम जी,
आओ श्याम जी, आओ श्याम जी,
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी।
ओ मोर मुकुट वाले प्रितम,
दासी की ओर निहार ज़रा,
तेरे द्वार पड़े युग बीत गये,
कर दो करुणा इक बार जरा,
मैं भव सागर में डूब रही,
बन आवो खेवनहार जरा,
मैं तेरे दर पे पड़ी रहूँ,
कर दो इतना उपकार जरा,
आओ श्याम जी कन्हैयाँ नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी।
थोड़ी सी झलक दिखा दो हमे,
क्यों पर्दे में छिपे रहते हो,
क्या राज है तेरे छिपने में,
जो छिप छिप कर मुस्काते हो,
माना के तुम हो बहुत हँसी,
लग जाए ना तुमको नजर कहीं,
हृदय में छिपा लूंगी मोहन,
जो दुनिया से शर्माते हो।
सुनते हैं तेरे दिवानों से,
तेरी प्रीत की रीत निराली है,
सब कुछ उसका हर लेते हो,
इक बार जिसे अपनाते हो,
सब शर्ते तेरी मंजूर हमें,
अब आओ देर लगाओ ना,
इस विरहन दुखिया दासी को,
तुम क्यों इतना तड़पाते हो,
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी,
आओ श्याम जी कन्हैयाँ नंदलाल जी,
मेरे प्राणों से प्यारे गोपाल जी।
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