अगर हम नहीं देश के काम आये लिरिक्स Agar Hum Nahi Desh Ke Kam Aaye Lyrics

अगर हम नहीं देश के काम आये लिरिक्स Agar Hum Nahi Desh Ke Kam Aaye Lyrics, Deshbhakti Song

अगर हम नहीं देश के काम आये,
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा,
अगर हम नहीं देश के काम आये,
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।

चलो श्रम करे देश अपना सँवारे,
युगों से चढी जो खुमारी उतारें,
अगर वक्त पर हम नहीं जाग पाये,
सुभा क्या कहेगी पवन क्या कहेगा,
अगर हम नहीं देश के काम आये,
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।

मधुर गन्ध का अर्थ है खूब महके,
पडे संकटों की भले मार सहके,
अगर हम नहीं पुष्प सा मुस्कुराये,
लता क्या कहेगी चमन क्या कहेगा,
अगर हम नहीं देश के काम आये,
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।

बहुत हो चुका स्वर्ग भू पर उतारें,
करें कुछ नया स्वस्थ सोचें विचारें,
अगर हम नहीं ज्योति बन झिलमिलाये,
निशा क्या कहेगी भुवन क्या कहेगा,
अगर हम नहीं देश के काम आये,
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।

अगर हम नहीं देश के काम आये,
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा,
अगर हम नहीं देश के काम आये,
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।




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