अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम लिरिक्स Aub Kaha Jaoge Shyam Lyrics

अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम लिरिक्स Aub Kaha Jaoge Shyam Lyrics

अब कहां जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के
अभी मैंने बाँध लिया,
कस कस के
अब कहाँ जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के।

जल भरने जब गई गुजरियां
साकर कुंडा जड़ के,
बाहर से सब ग्वाल सखा,
संग आयो मोहन घर पे
खिड़की खोल मटकिया फोड़ी,
खाओ फिर भर भर के
अब कहाँ जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के।

इतने में फिर आई गुजरियां,
मटके में जल भर के,
कुंडा खोल के देखा
अन्दर बैठे माखन लेके
पकड़ लिया फिर मनमोहन को
जल्दी मटका धर के
अब कहाँ जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के।

बोले मन मोहन ग्वालिन से
मैं नही माखन खायो
घर में तेरे घुसी थी बिल्ली
उसको मार भगायो
आया बुरा जमाना मैं
पछताया नेकी कर के
अब कहाँ जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के।

बोली ग्वालिन क्यों रे कारे,
बिल्ली कहाँ से आई
ग्वाल बाल और तेरे मुख में,
माखन क्यों लिपटाई
अब न छोडू तोहे कारे
लेकर चलू झकड़ के
अब कहाँ जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के।

की चलाकी मनमोहन ने,
ग्वालन हाथ पकड़ाया,
मन ही मन मुस्काये मोहन,
इसको खूब छकाया
दोड़े दोड़े आये कन्हैया,
मैया गोदी चढ़ के
अब कहाँ जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के।

घुंघट मारे आई गुजरियां,
दरवाजा खटकाया
देख यशोदा तेरा लाडला,
हाथ मेरे अब आया
कहा यशोदा ने तू लाइ,
अपना पूत पकड़ के
अब कहाँ जाओगे,
मैंने राखे श्याम पकड़ के।




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