अवध में जन्म लियो हैं राम भजन

अवध में जन्म लियो हैं राम भजन

पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम,
धरा पे पाप बढ़ा है भारी,
व्याकुल है सारे नर नारी,
करने कष्ट निदान,
अवध में जन्म लियो हैं राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम।

विश्वामित्र ने अस्त्र सिखाये,
शंकर धनुष तोड़ सिय पाये,
राज पाट पाने से पहले,
लखन सिया संग वन को जाये,
छोड स्वर्ग का धाम,
वन को चले गये श्री राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम।

केवट तारे सबरी तारे,
खर दूषण को जाये संहारे,
रावण ने सिय को हर लिन्हा
हुवे व्यथित जानकी के बिन्हा,
अंजनी पुत्र मिलै हनुमान,
जिनके हृदय बसे श्री राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम।
      
लंका में है किए चढ़ाई,
हनुमत राम लखन सब भाई,
रावण मार है सिय को लाये,
धरा दुष्ट से मुक्त बनाये,
जगमग हुई दीप से शाम,
अवध में लौट पड़े श्री राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो है राम,
पुरन करने काम,
अवध में जन्म लियो हैं राम।


भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)


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