हे जगजननी हे अम्बे माँ भजन

हे जगजननी हे अम्बे माँ भजन

(मुखड़ा)
हे जगजननी, हे अंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ,
हे जगजननी, हे अंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ।।

(अंतरा)
अक्षत, फूल, चंदन लाया हूँ,
प्रेम में थाल सजाया हूँ,
हे दुर्गा, दुर्गतिनाशिनी माँ,
हे दुर्गा, दुर्गतिनाशिनी माँ,
दर्शन को तेरे आया हूँ,
हे जगजननी, हे अंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ।।

सेवक घर खुशियाँ लाती हो,
तुम ममतामई कहलाती हो,
मधु-कैटभ हारिणि, हे मैया,
मधु-कैटभ हारिणि, हे मैया,
तुम जगत के पाप मिटाती हो,
हे जगजननी, हे अंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ।।

दुष्टों का तुम संहार करो,
भक्तों का बेड़ा पार करो,
गिरिराज निवासिनी, हे मैया,
गिरिराज निवासिनी, हे मैया,
दया की नज़र हर बार करो,
हे जगजननी, हे अंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ।।

(पुनरावृत्ति)
हे जगजननी, हे अंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ,
हे जगजननी, हे अंबे माँ,
कृपा कर दो, जगदंबे माँ।।
 


हे जगजननी हे अम्बे माँ...Devi Geet By Dhiraj Kant

Lyrics- Shree Dhananjay Singh.
Singer- Dhiraj Kant.
Tabla- Vipin Kumar.
Recording- Sumit Mishra. 

भक्त माँ के चरणों में अक्षत, फूल और चंदन अर्पित कर उनकी महिमा गाता है। माँ जगत के सारे पाप हरने वाली हैं और दुष्टों का संहार कर भक्तों की नैया पार लगाती हैं। माँ की दया और प्रेम से भक्त सुख-शांति प्राप्त करते हैं और माँ को जगजननी के रूप में स्मरण करते हैं।

Next Post Previous Post