चाहे लाख करो तुम पूजा चाहे तीरथ करो हजार, मात पिता को ठुकराया है जीवन है बेकार, श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है।
तीन लोक की देवी होती है माता प्यारी अपने लला के दुख़ को सह सकती है महतारी लालन पालन करती दुखिया सहती कष्ट अपार श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है।
नौ माह गर्भ में पाला सुख से न समय बिताया
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
सोकर स्वयं गीले में सूखे में तुम्हें सुलाया ऐसी मां के चरणों को मैं पूजूं बारम्बार श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है।
जब थी बाल अवस्था मां की गोदी में खेले खुशियों की तुम्हारी खातिर मां ने कितने दुःख झेले नेम चंद प्रजापति कहत सभी से मां की महिमा अपार
श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है।
लाख करो तुम पूजा तीरथ करो हजार।दीन दुःखी को ठुकराया तो सब है बेकार।।