दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो लिरिक्स Dar Pe Tumhare Aaya Lyrics

दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो लिरिक्स Dar Pe Tumhare Aaya Lyrics, Devtotional Bhajan

 
दर पर तुम्हारे आया ठुकराओ या उठा लो लिरिक्स Dar Pe Tumhare Aaya Lyrics, Devtotional Bhajan

दर पर तुम्हारे आया
ठुकराओ या उठा लो,
करुणा की सिंधु मालिक,
अपनी बिरद बचा लो।

मीरा या सबरी जैसा,
पाया हृदय न मैंने,
जो है दिया तुम्हारा,
लो अब इसे संभालो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओ या उठा लो,
करुणा की सिंधु मालिक,
अपनी बिरद बचा लो।

दिन रात अपना अपना करके
बहुत ठगाया,
कोई हुआ न अपना
अपना मुझे बना लो,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओं या उठा लो,
करुणा की सिंधु मालिक,
अपनी बिरद बचा लो।

दोषी हूं मै या सच्चा,
ये खेल है तुम्हारा,
हो तुम चाहे जो चाहो में
दास हूं तुम्हारा,
दर पर तुम्हारे आया,
ठुकराओं या उठा लो,
करुणा की सिंधु मालिक,
अपनी बिरद बचा लो। 

 
ठुकराओ या उठा लो- पूज्य राजन जी। MOTIVATIONAL BHAJAN RAJAN JI ।। +919831877060

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
+

एक टिप्पणी भेजें