दर तेरे अज लगीयां रौणका
दर तेरे अज लगीयां रौणका
दर तेरे अज लगीयां रौणका,बरस रिहा है रंग शामां वे,
पूरी कर भगतां दी मंग श्यामा।
एक वार मंगदी द्वारे तेरे आन के,
दर्श दिखा दे श्यामा,
दासी अपनी जान के,
हरदम रख मेनू संग श्यामा वे,
पूरी कर भगतान दी मंग श्यामा।
सभा बीच द्रौपदी दी,
लाज नू बचाया सी,
पल्ल विच के साड़ियां दा,
ढेर लगाया सी,
खिच खिच हारे पप्पी,
मुकीयां ना साड़ियां,
रह गए सारे दंग श्यामा वे,
पूरी कर भगता दी मांग श्यामा।
जहर प्याला जादों,
मीरा नु पिआया सी,
तेरा नाम लेके मीरा,
मुख नाल लाया था,
पानी वांगू पी गई मीरा,
मुखो ऐह कहके,
ना कर ऐना तंग श्यामा वे,
पूरी कर भगतां दी मांग श्यामा।
भगतां दे दुखा विच,
होम दा सहाई तू,
मेरी बारी शाम ऐनी देर,
क्यों लगाई तूं,
कधी ना सुनाई श्यामा,
बंसी अपनी आन के,
सो गया पी पंग श्याम आवे,
पूरी कर भगतां दी मांग श्यामा।
दर तेरे अज लगीयां रौणका,
बरस रिहा है रंग शामां वे,
पूरी कर भगतां दी मंग श्यामा।
krishna धमाकेदार नाचने वाला भजन