ध्येय मार्ग पर चले वीर तो

ध्येय मार्ग पर चले वीर तो

ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
पीछे अब न निहारो,
हिम्मत कभी न हारो,
ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
पीछे अब न निहारो,
हिम्मत कभी न हारो।

तुम मनुष्य हो शक्ति तुम्हारे,
जीवन का संबल है,
और तुम्हारा अतुलित साहस,
गिरी की भाँति अचल है,
तो साथी केवल पल भर को,
मोह माया बिसारो,
हिम्मत कभी न हारो।

मत देखो कितनी दूरी है,
कितना लम्बा मग है,
और न सोचो साथ तुम्हारे,
आज कहाँ तक जग है,
लक्ष्य प्राति की बलिवेदी पर,
अपना तन मन वारो,
हिम्मत कभी न हारो।

आज तुम्हारे साहस पर ही,
मुक्ति सुधा निर्भर है,
आज तुम्हारे स्वर के साथी,
कोटि कंठ के स्वर है,
तो साथी बढ़ चलो मार्ग पर,
आगे सदा निहारो,
हिम्मत कभी न हारो।

ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
पीछे अब न निहारो,
हिम्मत कभी न हारो,
ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
ध्येय मार्ग पर चले वीर तो,
पीछे अब न निहारो,
हिम्मत कभी न हारो।



ध्येय मार्ग पर चले वीर तो।। शशांक देशपांडे।। ध्येय मार्ग पर चले वीर तो
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