गणेश अमृतवाणी लिरिक्स Ganesh Amritvani Lyrics
गणेश अमृतवाणी लिरिक्स Ganesh Amritvani Lyrics, Ganesh Bhajan Ganesh Amritvaani by Anuradha Paudwal
विघ्न विनाशक गणराय भय से मुक्त करे,इसकी दया से भक्तन की, भाव से नाव तारे,
पार्वती ललना का मन से, भजन तू करता जा,
करुणा की इस मूरत से, मन वांछित फल तू पा,
जिसके घर में गणराय के नाम का दीप जले,
उस घर के हर जीव की, हर एक बाधा टले,
जिन पे करुणा स्वयं करे गौरी सुत महाराज,
पलक झपकते ही उनके सिद्ध हो जाते काज,
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश।
मिट्टी के हैं हम बने गणपति प्राण स्वरूप,
वो है रचैया हम रचना, वो सूरज हम धूप,
सदा समर्पण भाव से, जाए गणपति पास,
जीवन गठरी का तुमको, कष्ट ना देगा भार,
नर नारायण ऋषि मुनि जिसका मन ना करे
दीन हीन के वो स्वामी घड़ी में पाप हरे,
गुण गौरव और ज्ञान की, गंगा गणपति प्रीत,
इसके साधक को जग में काल साके ना जीत,
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश।
आदी सिद्धिया ही जिसकी सेवा करे दिन रेन,
उसके चरण सरोज से, जोड़े रखियो नैन,
मन मंदिर में तू बसा, अम्बा लाल गणेश,
कष्ट नष्ट हो जाएंगे मिटेंगे सकल क्लेश,
त्रिभुवन के इस नाथ का, चित्त से चिंतन कर,
जनम जन्म की पीड़ा तेरी, पल में जायेगी हर,
सागर है प्रभु प्रेम का, प्यासा बन के देख,
अमृत मे हो जाएंगे बुद्धि और विवेक,
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश।
घट घट की जानता, शिव नंदन भगवान,
चरण शरण में जा तो सही वो तो है दयानिधान,
दीन का शोकविषाद को हरता गणपति जाप,
एकदन्त के अर्चन से डरते दुख संताप,
क्षण भंगुर तू बुलबुला ज्यो सपनों की बात,
ऐसे तू झड़ जाएगा जैसा वृक्ष से पात।
न्याय शीलता दया धर्म गजानन से सीख,
शंकर सुत से मांगले सत् गुणो की भीख
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश।
गणेश अमृतवाणी लिरिक्स Ganesh Amritvani Lyrics Shree Ganesh Amritwani By Anuradha Paudwal I Full Audio Song Juke Box
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