जग तारण को आये श्री परमहंस अवतार लिरिक्स Jag Taran Ko Aaye Paramhans Lyrics

जग तारण को आये श्री परमहंस अवतार लिरिक्स Jjag Taran Ko Aaye Paramhans Lyrics, SSDN Bhajan

जग तारण को आये श्री परमहंस अवतार लिरिक्स Jag Taran Ko Aaye Paramhans Lyrics
 
जगतारण को आये,
श्री परमहंस अवतार,
ज्ञान का दीप जलाकर के,
दूर किया अन्धियार।

भावसागर में जिसकी नैया,
तुम ही बचाते बनके खिवैया,
तभी तो ये जग सारा,
कहे तुमको तारणहार,
ज्ञान का दीप जलाकर के,
दूर किया अन्धियार,
जगतारण को आये,
श्री परमहंस अवतार।

क्या क्या गुण गायें प्रभु मेरे,
चरणो में तेरे सुख हैं घनेरे,
पावन श्री चरणो में,
हम जाये जी बलिहार,
ज्ञान का दीप जलाकर के,
दूर किया अन्धियार,
जगतारण को आये,
श्री परमहंस अवतार।

गगन मे जितने चाँद सितारे,
अनगिनत उपकार तुम्हारे,
तेरी रहमत से सुख पावे,
ये सारा संसार,
ज्ञान का दीप जलाकर के,
दूर किया अन्धियार,
जगतारण को आये,
श्री परमहंस अवतार।

दासों पे सतगुरु कृपा करना,
प्रेमाभक्ति से झोली भरना,
सेवा और भक्ति के,
खुले तेरे भंडार,
ज्ञान का दीप जलाकर के,
दूर किया अन्धियार,
जगतारण को आये,
श्री परमहंस अवतार।
जगतारण को आये,
श्री परमहंस अवतार,
ज्ञान का दीप जलाकर के,
दूर किया अन्धियार।

जगतारण को आये श्री परमहंस अवतार | ज्ञान का दीप जलाकर के दूर किया अन्धियार

गुरूमुखों ये भजन अगर पसन्द आया हो, तो इसे आगे शेयर करके हर एक गुरूमुख तक पहुंचाना आप सबकी सेवा है।जिससे श्री गुरू महाराज जी का हर एक प्रेमी उनके भजन सुनके  तथा उनके प्रेम की लहरों में झूमकर ज्यादा से ज्यादा भजन भक्ति की ओर अपनी सुरती लगाए।

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