जनक दुलारी सीता मैया भजन
प्रभु राम की है परछाइयां,
जनक दुलारी सीता मैया...।
आगे आगे चले श्री राम
पीछे चले सीता मैया
प्रभु राम की है परछाइया
जनक दुलारी सीता मैया
जनक दुलारी सीता मैया...।
सिय के हिय प्रेम उपजे
राम बिन है सिय अधूरी
राम बिन है सिय अधूरी
सीता हरण हो या वनवास
शून्य रही मन की दूरी
रामा हो रामा, रामा हो रामा,
न चलही राम बिन सिया मैया
प्रभु राम की है परछाइया
जनक दुलारी सीता मैया...।
पूज्य पूज्यनीय बंदनीय
सिया राम की जोड़ी
शरणागत हो जा रामके
छोड़ के माया थोड़ी
हाथ जोड़कर, हाथ जोड़कर,
दरस कीजे राम जनकी मैया....।
जनक दुलारी सीता मैया...।
आगे आगे चले श्री राम
पीछे चले सीता मैया
प्रभु राम की है परछाइया
जनक दुलारी सीता मैया
जनक दुलारी सीता मैया...।
सिय के हिय प्रेम उपजे
राम बिन है सिय अधूरी
राम बिन है सिय अधूरी
सीता हरण हो या वनवास
शून्य रही मन की दूरी
रामा हो रामा, रामा हो रामा,
न चलही राम बिन सिया मैया
प्रभु राम की है परछाइया
जनक दुलारी सीता मैया...।
पूज्य पूज्यनीय बंदनीय
सिया राम की जोड़ी
शरणागत हो जा रामके
छोड़ के माया थोड़ी
हाथ जोड़कर, हाथ जोड़कर,
दरस कीजे राम जनकी मैया....।
Sita Mata Bhajan Lyrics Hindi मन को सुकून देने वाला भजन ~ Janak Dulari Sita Maiya
Lyrics and Music -Ravindra Khare
Singer- Nazia Chahat
प्रभु राम और माता सीता का पवित्र बंधन एक ऐसी मिसाल है, जो प्रेम, समर्पण और एकता का प्रतीक है। यह बंधन केवल दाम्पत्य जीवन का ही नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक एकता का भी दर्पण है, जहाँ दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। राम की छवि में सीता की परछाईं और सीता के हृदय में राम का प्रेम इस बात का प्रमाण है कि सच्चा प्रेम दूरी, विपत्ति या वनवास जैसी किसी भी बाधा को स्वीकार नहीं करता। यह प्रेम वह शक्ति है, जो हर परिस्थिति में मन की शून्यता को मिटाकर आत्मा को जोड़े रखती है। राम और सीता का साथ जीवन के हर कष्ट में एक-दूसरे के प्रति अटूट निष्ठा और विश्वास का प्रतीक है, जो भक्तों को यह सिखाता है कि प्रेम और भक्ति के मार्ग पर चलते हुए हर दुख को सहजता से पार किया जा सकता है।
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