राम कथा में वीर जटायु भजन लिरिक्स Ram Katha Me Veer Jatau Lyrics

राम कथा में वीर जटायु भजन लिरिक्स Ram Katha Me Veer Jatau Lyrics


Latest Bhajan Lyrics

राम कथा में वीर जटायु,
का अपना अनुपम स्थान।
तुलसी ने बड़भागी कहकर,
किया जटायु का यशगान।

सीताहरण समय रावण से,
युद्ध किया वीर गति पाये।
शूरवीर शरणागत रक्षक,
धर्म प्राण त्यागी कहलाये,
परहित में अपने प्राणो का,
धर्मवीर करते बलिदान।
राम कथा में वीर जटायु,
का अपना अनुपम स्थान।

अंत समय बोले रघुवर,
लो अमर तुम्हे कर देता हु,
कहे जटायु नहीं तात,
बस मुक्ति का वर लेता हु।
मोक्ष मार्ग पर राम रूप में,
महाप्राण का महाप्रयाण।
राम कथा में वीर जटायु,
का अपना अनुपम स्थान।

प्राण विहीन देह गोदी में,
लिए राम करुणा बरसाये।
कमल नयन की अश्रुधार से,
प्रभु अंतिम स्नान कराये।
ऋणी रहूँगा गिद्धराज का,
लक्मण से बोले भगवान।
राम कथा में वीर जटायु,
का अपना अनुपम स्थान।

त्रेता युग के अवतारी नर,
अपने हाथो चिता रचाकर,
मात पिता सम अग्नि दाह दे,
त्रिभुवन के स्वामी करुणाकर,
साधु जटायु धन्य जटायु,
महाभाग स्तुत्य महान,
राम कथा में वीर जटायु,
का अपना अनुपम स्थान।

Ram Katha Mein Veer Jatayu (Live)


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.


पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

+

एक टिप्पणी भेजें