विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल भजन

विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल भजन

 
विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल भजन

जो भी माँ दे दर ते झुक्दा होया~मालामाल~
विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल~
विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल।।

झंडे हथ विच फड़के~तेरियाँ भेटा गाउँदे माँ~
ढोल~नगाड़े जो भजदे~दर ते दिल नु बहुत ने पाउंदे~
आसा पूरियाँ कर दी सब दियाँ~कैसी लीला कमाल~
विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल।।

मोली बन के तिलक लगा के~माँ दा नाम धाइये~
बैठ के ओहदे चरना विच ही दिल दा हाल सुनाइये~
दसने दी कदे लोड न पैंदी~जाने सब दा हाल~
विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल।।

सारी गल विश्वास ते मुकदी~जो भी चरनी जुड़दा~
चिंता सारी मिट जंदी~घरो भी कुछ न थुड़दा~
जसम भी आ गया भवाना ते~पूरी श्रद्धा नाल~
विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल।।



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तेरे 9 दरवाज़े खुले मां शेरा बाली बल्ले बल्लेSinger - Anshuman
Lyrics & Video - Jassamji
Music - Hari Amit
Office Number:- 011-23268079
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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