कन्या में ही है रूप मायी का

कन्या में ही है रूप मायी का

जय माँ जय जय माँ,
जय जय माँ,
जय जय माँ अम्बे माँ,
जय जय माँ अम्बे माँ,
जिन नजरों ने,
घर में है पा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का,
जिन नजरों ने,
घर में है पा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का।

पूजे कन्या को माई को रिझा लिया,
पूजे कन्या को माई को रिझा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का,
जिन नजरों ने,
घर में है पा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का,
जिन नजरों ने,
घर में है पा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का।

जय माँ जय जय माँ,
जय जय माँ, जय जय माँ।

देखा नहीं माँ को,
पर कन्या को देखा है,
जिसने बदल दी,
मेरे भाग्य की रेखा है,
जय माँ जय माँ,
जय जय जय जय माँ,
देखा नहीं माँ को,
पर कन्या को देखा है,
जिसने बदल दी,
मेरे भाग्य की रेखा है,
यही सोच से मन को,
मना लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का,
जिन नजरों ने,
घर में है पा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का।

कोमल ह्रदय है,
लेकिन शक्ति अपार है,
इनकी ही रचना,
ये सारा संसार है,
जय माँ जय माँ,
जय जय जय जय माँ,
जैसा चाहा जिसे,
वैसा ही बना दिया,
कन्या में ही है रूप मायी का,
जिन नजरों ने,
घर में है पा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का।

जिस घर बेटियों का,
होता सम्मान है,
दास वो ही घर मानो,
स्वर्ग समान है,
जय माँ जय माँ,
जय जय जय माँ,
भेद जिसने ये दिल में बसा लिया,
भेद जिसने ये दिल में बसा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का,
जिन नजरों ने,
घर में है पा लिया,
कन्या में ही है रूप मायी का।


भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)


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