माँ बस यह वरदान चाहिये

माँ बस यह वरदान चाहिये

 
माँ बस यह वरदान चाहिये Maa Bas Vardan Chahiye Lyrics

जीवन पथ जो कंटकमय हो,
विपदाओं का घोर वलय हो,
किन्तु कामना एक यही बस,
प्रतिपल पग गतिमान चाहिये।

हास मिले या त्रास मिले,
विश्वास मिले या फांस मिले,
गरजे क्यों न काल ही सम्मुख,
जीवन का अभिमान चाहिये।

जीवन के इन संघर्षो में,
दुख कष्ट के दावानल में,
तिल तिल कर तन जले न क्यों पर,
होंठों पर मुस्कान चाहिये।

कंटक पथ पर गिरना चढ़ना,
स्वाभाविक है हार जीतना,
उठ उठ कर हम गिरें उठें फिर,
पर गुरुता का ज्ञान चाहिये।

मेरी हार देश की जय हो,
स्वार्थ भाव का क्षण क्षण क्षय हो,
जल जल कर जीवन दूँ जग को,
बस इतना सम्मान चाहिये।

Maa Bus yah vardan chahiye माँ बस यह वरदान चाहिए!Deshbhakti Geet! 

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