मांग में सिंदूर मैया किस लिये डाला
हनुमत पूछ रहे अंजनी के लाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिये डाला,
कपि की यह वाणी सुन सिया मुस्काई,
पीछा छुड़ाने की युक्ति बनाई,
खुश होंगे स्वामी मेरे इसलिए डाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिये डाला।
सोचा कपी ने मन में,
राम को रिझा लूंगा,
मैया ने लगाया थोड़ा,
ज्यादा मैं लगा लूंगा,
इसलिए हनुमत ने तन रंग डाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिये डाला।
बैठे दरबार माही राम जब आयेंगे,
हनुमत चरणों में शीश झुकायेंगे,
सिया बोले धन्य धन्य,
अंजनी के लाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिये डाला।
मंगल शनिचर को चोला जो चढ़येगा,
भवसागर से पार कर जायेगा,
ऐसा सिया ने उसे वर दे डाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिये डाला।
Mata Rani Bhajan Hanumat puch reha Anjni ka lala
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