मैं जब भी बुलाऊं मां तुम दौड़ी चली आना
मैं जब भी बुलाऊं मां,
तुम दौड़ी चली आना,
एक पल ना कहीं रुकना,
मेरा मान बढ़ा जाना।
सावन के महीने में,
तेरा झूला डालूंगी,
जब झूला पड़े मैया,
तुम झूलने आ जाना,
मैं जब भी बुलाऊं मां,
तुम दौड़ी चली आना।
नवरात्रों में मैया तेरी,
ज्योत जगाऊं गी,
जब ज्योत जले मैया,
तुम दर्शन दे जाना,
मैं जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।
फागुन के महीने में,
तेरा रंग भूल आऊंगी,
जब रंग घुले मैया होली,
खेलने आ जाना,
मैं जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।
मैं जब भी बुलाऊं मां,
तुम दौड़ी चली आना,
एक पल ना कहीं रुकना,
मेरा मान बढ़ा जाना।
तुम दौड़ी चली आना,
एक पल ना कहीं रुकना,
मेरा मान बढ़ा जाना।
सावन के महीने में,
तेरा झूला डालूंगी,
जब झूला पड़े मैया,
तुम झूलने आ जाना,
मैं जब भी बुलाऊं मां,
तुम दौड़ी चली आना।
नवरात्रों में मैया तेरी,
ज्योत जगाऊं गी,
जब ज्योत जले मैया,
तुम दर्शन दे जाना,
मैं जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।
फागुन के महीने में,
तेरा रंग भूल आऊंगी,
जब रंग घुले मैया होली,
खेलने आ जाना,
मैं जब भी पुकारू मां,
तुम दौड़ी चली आना।
मैं जब भी बुलाऊं मां,
तुम दौड़ी चली आना,
एक पल ना कहीं रुकना,
मेरा मान बढ़ा जाना।
Mata Rani Bhajan मैं जब भी बुलाऊं मां तुम दोडी चली आना Main jab bhi bulau Maa
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