मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो,
बसी रहो मेरे मन मन्दिर में,
कबुहु ना इन्कार करो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
विकल रंहु बिन दर्शन तेरे,
ऐसी प्रीत जगा दो मेरे,
तुम बिन रह ना संकु,
एक पल ऐसी लगन भरो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
दुख आये तो तुम्हे पुकारु,
सुख मे भी ना तुम्हे विसारु,
प्यारी लगती रहो मुझे तुम,
जो जी चाहे करु,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
मां मां कह बालक बुलावे,
मां ले गोदी झट गले लगावे,
आप अनन्त जन्म की,
माता धीरज काहे धरो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
तुम बिन मैया कौन सुनेगा,
पथ के कांटे कौन चुनेगा,
हे करुणामयी मात भवानी,
भव से पार करो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो,
बसी रहो मेरे मन मन्दिर में,
कबुहु ना इन्कार करो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
दास पर ऐसी कृपा करो,
बसी रहो मेरे मन मन्दिर में,
कबुहु ना इन्कार करो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
विकल रंहु बिन दर्शन तेरे,
ऐसी प्रीत जगा दो मेरे,
तुम बिन रह ना संकु,
एक पल ऐसी लगन भरो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
दुख आये तो तुम्हे पुकारु,
सुख मे भी ना तुम्हे विसारु,
प्यारी लगती रहो मुझे तुम,
जो जी चाहे करु,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
मां मां कह बालक बुलावे,
मां ले गोदी झट गले लगावे,
आप अनन्त जन्म की,
माता धीरज काहे धरो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
तुम बिन मैया कौन सुनेगा,
पथ के कांटे कौन चुनेगा,
हे करुणामयी मात भवानी,
भव से पार करो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो,
बसी रहो मेरे मन मन्दिर में,
कबुहु ना इन्कार करो,
मैं तुमको भुंलू अब नही मात,
दास पर ऐसी कृपा करो।
|| Bhajan || मैं तुमको भूलूँ नहीं माँ ||Mai Tumko Bhulun Nahi Maa || Vaishno Devi Aarti Bhajan||
Bhajan Name : (Mai Tumko Bhulu Nhi Maat Dass Pr Aisi Kripa Karo) Suresh Ji
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