मन्दिर के बाहर लिखवा दो लिरिक्स Mandir Ke Bahar Likhva Lyrics

मन्दिर के बाहर लिखवा दो लिरिक्स Mandir Ke Bahar Likhva Lyrics, Krishna Bhajan

 
मन्दिर के बाहर लिखवा दो लिरिक्स Mandir Ke Bahar Likhva Lyrics

देना हो तो देदे या लौटा दे,
हम घर को जायें,
मंदिर के बाहर लिखवा दो,
दीन दुखी यहां ना आयें।

जब देना ही नहीं था तुमको,
हमको यहां बुलाया क्यों,
इतनी दूर से आने का,
खर्चा भी लगवाया क्यों,
मंदिर के बाहर लाइन में घंटों
खड़ा करवाया क्यों,
मंदिर के बाहर लिखवा दो,
दीन दुखी यहां ना आयें।

रुखा सुखा खाने वाले,
छप्पन भोग लगाये क्या,
जिसकी छत का नहीं ठिकाना,
तेरा छत्र चढ़ाये क्या,
जो ढंग से चल भी ना पाये,
भेंट तेरे लिए क्या लाये,
मंदिर के बाहर लिखवा दो,
दीन दुखी यहां ना आयें।

कैसे तू दातार बना है,
कैसी यह दातारी है,
तेरे दर से लौट रहे,
खाली हाथ भिखारी है,
सेठों का तू सेठ कहाये है,
मेरी समझ में आये ना,
मंदिर के बाहर लिखवा दो,
दीन दुखी यहां ना आयें।

देना हो तो देदे या लौटा दे,
हम घर को जायें,
मंदिर के बाहर लिखवा दो,
दीन दुखी यहां ना आयें।


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देना हो तो देदे या लौटा दे हम घर को जाएं
मंदिर के बाहर लिखवा दो दीन दुखी यहां ना आए


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