होते बृज के मोर सखी री हम लिरिक्स Hote Brij Ke Mor Sakhi Lyrics

होते बृज के मोर सखी री हम लिरिक्स Hote Brij Ke Mor Sakhi Lyrics Krishna Bhajan

 
होते बृज के मोर सखी री हम लिरिक्स Hote Brij Ke Mor Sakhi Lyrics

होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर,
कहां पर रहते कहां पर चुगते,
कहां पर करते कलोल,
सखी री हम होती बृज की मोर,
होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर।

गोकुल में रहते बागों में चुगते,
राधा से करते कलोल,
सखी हम होते बृज के मोर,
होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर।

उड़े उड़े करे हम बैठे कदम चढ,
बैठे पंख मरोड़,
सखी हम होते बृज के मोर,
होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर।

झड़े झड़े पंख गिरे यमुना में,
राधा ने लिए हैं जोड़,
सखी हम होते बृज के मोर,
होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर।

इन पंखों का मुकुट बनाया,
पहने नंद किशोर,
सखी हम होते बृज के मोर,
होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर।

बैठे कदम पर रटते राधा,
मिट जाती जीवन की बाधा,
मिलते नंद किशोर,
सखी हम होते बृज के मोर,
होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर।

चुगते मधुबन में हमें दाना,
घूमते नंद गांव बरसाना,
हमें ढूंढे नंद किशोर,
सखी हम होते बृज के मोर,
होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर।


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