कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा, अपना मुझे बनायेगा, जीवन ज्योत जगायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।
आश लगाये कब से बैठे,
श्याम तुम्हारे चरणों में, नित तेरा गुणगान करे हम, गली गली और घर घर में, नैन दरश के प्यासे हैं, कब तू दरश दिखायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।
कब तक गुण गाये हम तेरा, इतना तो बतलाओ तुम, गीता में जो वादा किया,