श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा, हे नाथ नारायण वासुदेवा, हे नाथ नारायण वासुदेवा, श्री राम राघव रघुवंशी प्यारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
पैरों से चलकर में सत्संग में आओ, हाथों से श्रीधर की सेवा में पाऊं, वाणी से हरदम यही गीत गाऊं, हे नाथ नारायण वासुदेवा, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
गंगा किनारे में कुटिया बनाऊं, गंगा नहाऊं नित गंगाजल में पाऊं, गंगा के तट पर में जीवन बिताऊं, हे नाथ नारायण वासुदेवा, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हर सांस में तेरी बात होवे, हर बात में तेरी याद हो गई, होठों पर हरदम तेरा नाम होवे, हे नाथ नारायण वासुदेवा, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
गीता पढ़ और गीता सुन मैं, गीता की चर्चा हरदम करूं मैं, गीता हमारी है विश्वमाता माता, हे नाथ नारायण वासुदेवा, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा, हे नाथ नारायण वासुदेवा, हे नाथ नारायण वासुदेवा, श्री राम राघव रघुवंशी प्यारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
krishan_bhajan श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा