नवराते आ गए अँगना बुहारो माँ का भजन

नवराते आ गए अँगना बुहारो माँ का भजन

नवराते आ गए अँगना बुहारो माँ का भजन

नवराते आ गए अँगना बुहारो माँ का
भवन सवारो झोंके पुरवैयाँ के
बतला गए नवराते आ गए
शेरावाली माई सदा भक्तों की सहाई गाए
महिमा जो दर्शन पा गए नवराते हो ओ

भाए भक्तों के मन को अश्विन महीने के ये नौ दिन
माता दुर्गा भवानी की घर-घर में हो पूजा अर्चन
भर दे झोली सबकी मैया मेरी भोली सोए
सोए नसीब जगा गए नवराते हो ओ

बाजे ढोल मजीरे इस गली डांडिया है, उस गली गरबा
लगी भक्तों को लगन होके भक्ति में मगन
रहे माँ को मना चुनरी ओढ़ाए
हलवा भोग लगाए जो वो जन्मों के
दुखड़े मिटा गए नवराते हो ओ

माँ का जप ले तू नाम, पल्ला माँ का ले थाम
कोई कमी न रहे मैया वर देने वाली
खाली जाए न सवाली सारी दुनिया कहे
विपदा भगाए, बेड़ा पार लगाए
‘सरल’ सच सारे सपने बना गए
नवराते हो ओ

अँगना बुहारो माँ का भवन सवारो
झोंके पुरवैयाँ के बतला गए
नवराते आ गए नवराते आ गए
शेरावाली माई सदा भक्तों की सहाई गाए
महिमा जो दर्शन पा गए नवराते हो ओ



नवरात्र स्पेशल : नवराते माँ के आ गए कोई भवन सजाओ रे | Mata Rani Bhajan | Navratri Bhajan 2025

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नवरात्रि का यह भजन सम्पूर्ण भावनाओं, श्रद्धा और भक्ति-रस से सराबोर है, जो माँ दुर्गा के आगमन, उनकी कृपा और भक्तों की अनंत लगन का उत्सव बन जाता है। जैसे ही नवरात्रि का पर्व आता है, सम्पूर्ण वातावरण पवित्रता एवं उमंग से भर जाता है—माँ के आगमन के लिए आँगन बुहारना, पुरवईया हवा में मंगल संदेश फैलना, और भक्तजन अपने घर-आँगन को साज–सजावट, दीपक और ध्वजा से भर देते हैं। नौ दिनों तक अश्विन मास की भक्ति-रसधारा बहती है—घर-घर माँ दुर्गा भवानी पूजा–अर्चना से गूंज उठते हैं। माँ शेरावाली अपनी करुणा से सबकी झोली खुशियों से भर देती हैं, और जो भी उनकी सच्चे मन से अराधना करके चुनरी ओढ़ाता, भोग–हलवा चढ़ाता है—उसके जन्म-जन्मांतर के दुख, संकट और पीड़ा माँ की कृपा से स्वतः मिट जाते हैं।

गली-गली में ढोल, मंजीरे एवं डांडिया–गरबा की रौनक होती है, भक्त भक्ति में रमकर, आनन्द में मगन हो जाते हैं। माँ को आराधना करके, नाम जपकर, भक्त जीवन में उमंग, उत्साह और शक्ति प्राप्त करता है। भक्त जानता है कि माँ वरदानी हैं—कोई भी सच्ची पुकार खाली नहीं जाती, माँ सबकी अर्जी सुनती हैं, कष्ट दूर करती हैं और विपदा में भी बेड़ा पार लगाती हैं। सरल भाव से यह भजन यही सिखाता है कि माँ का नाम जपकर, उनका आंचल पकड़कर भक्त प्रत्येक कमी, अभाव और दुःख से पार पा जाता है, और उसका जीवन शुभ, सफल और कल्याणकारी हो जाता है। नवरात्रि का यही उत्सव भक्त के सपनों को भी पूर्ति और उल्लास की भावभूमि में बदल देता है, माँ के चरणों में सच्ची भक्ति और उत्साह की ज्योति जल जाती है—यही नवरात्री की अनुपम महिमा, यही माँ के आगमन की सच्ची अनुभूति है।यह भजन नवरात्रि के आगमन पर भक्त के मन में उमड़ती भक्ति, उल्लास और श्रद्धा के भाव को विस्तार से प्रकट करता है। जब नवरात्रि का पावन पर्व आता है, पूरे घर-आँगन को माँ के स्वागत के लिए विशेष रूप से सजाया और शुद्ध किया जाता है, जैसे पुरवाई के झोंकों के साथ ममता और विश्वास की खुशियाँ आने वाली हों। माँ शेरावाली अपने भक्तों के दुख हरने और उनके जीवन में मंगल, सुरक्षा और उल्लास भरने के लिए सदा तत्पर रहती हैं; उनके दर्शन मात्र से ऐसा लगता है कि सम्पूर्ण संसार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो गया है।
 
Song : Navrate Maa Ke Aa Gaye Koi Bhawan Sajao Re 
Music: Binny Narang (9991980610)
Video: Shalini Sharma (7015960610)
Label : Upasana Mehta Bhajan
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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