प्रात: स्मरण स्त्रोत कराग्रे वसते लक्ष्मिः Saroj Jangir प्रात: स्मरण स्त्रोत कराग्रे वसते लक्ष्मिः कराग्रे वसते लक्ष्मिः,करमध्ये सरस्वति,करमूले तु गोविन्दः,प्रभाते करदर्शनम्।कराग्रे वसते लक्ष्मिः,करमध्ये सरस्वति,करमूले तु गोविन्दः,प्रभाते करदर्शनम्।कराग्रे वसते लक्ष्मिः,करमध्ये सरस्वति,करमूले तु गोविन्दः,प्रभाते करदर्शनम्।कराग्रे वसते लक्ष्मिः,करमध्ये सरस्वति,करमूले तु गोविन्दः,प्रभाते करदर्शनम्।कराग्रे वसते लक्ष्मिः,करमध्ये सरस्वति,करमूले तु गोविन्दः,प्रभाते करदर्शनम्।प्रातः स्मरण स्त्रोत का हिंदी अनुवाद:कर के अग्र भाग में,माँ लक्ष्मी का वास है,कर के मध्य भाग में,माँ सरस्वती का वास है,कर के मूल में,भगवान गोविंद विराजमान हैं,प्रात दोनों हाथों के,दर्शन करके दिन का शुभारंभ करें। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैंमन की तरंग मारलो बस हो गया भजन Man Ki Tarang Marloराम जपले जिंदड़िये नी Ram Japle Jindadiye Nee