मन की तरंग मारलो बस हो गया भजन
मन की तरंग मारलो,
बस हो गया भजन,
आदत बुरी संवार लो,
बस हो गया भजन।
आये हो तुम कहां से,
जाओगे तुम कहां
इतना ही विचार लो,
बस हो गया भजन।
कोई तुम्हें बुरा कहे,
तुम सुन कर क्षमा करो,
वाणी का स्वर संभाल लो,
बस हो गया भजन।
नेकी सभी के साथ में,
बन जाए तो करो,
मत सर बंदी का हर लो,
बस हो गया भजन।
नजरों में तेरी दोष है,
दुनिया निहारते,
समता का अंजन ढाल लो,
बस हो गया भजन।
यह महल माडिया ना,
तेरे साथ जायेगी,
सतगुरु की महिमा जान लो,
बस हो गया भजन।
अनमोल ब्रह्मानंद,
जो चाहिए सदा,
घट घट में राम निहार लो,
बस हो गया भजन।
Bhajan Sangrah - Man ki Tarang Mod Lo