रथ में रोवे ठाडी ठाडी भजन
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली,
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली।
रामचंद्र ने बीच बनीन में,
जब हिरना को मारा,
मरते मरते माया मृग ने,
राम ही राम पुकारा,
सुन के माया मृग की वाणी,
व्याकुल हुई है सीता लाडली,
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली।
सीता जी ने फिर लक्ष्मण को,
प्रभु के पास पटायो,
घर भिक्षुक का रूप दशानन,
उधर कुटी में आयो,
बोले कपटी मधुर वाणी,
भिक्षा तो दे दो सीता लाडली,
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली।
लक्ष्मण रेखा तोड़ जानकी,
फिर बाहर को आई,
हंसने लगा दशानन रावण,
कसके पकड़ी कलाई,
जाने देर ना लगाई,
रथ में बैठाई सीता जानकी,
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली।
रोवत नारी गिद्ध निहारी,
तब ललकार लगाई,
रथ को रोक के गिद्ध जटायु ने,
फिर करी लड़ाई,
हाय रे काटी पंख है कसाई,
दिल में दया ना बिल्कुल आई,
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली।
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली,
हाय रे रथ में रोवे ठाडी ठाडी,
जनक की दुलारी सीता लाडली।
भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)
RATH ME ROVE THADI THADI JANAK KI DULARI SITA LADLIरथ में रोवे ठाडी ठाडी भजन लिरिक्स Rath Me Rove Thadi Thadi Lyrics