रतनों दियाँ गऊआं चार दा भजन
रतनों दियाँ गऊआं चार दा,
करजा धर्मो दा लाउँदा पौणाहारी,
ओ निक्के निक्के पैर मखमली,
कच्चे राहा ते टिकाओन्दा पौणाहारी,
रतनों दियाँ गऊआं चार दा।
शाह तलाईआं रब घूम दा,
जमा भिनक किसे नू ना आवे,
ओ लस्सी लस्सी साम्भ साम्भ रखदा,
रोटी रत्नो दी मुँह ना लावे,
ओ धुना लाके बैठा रहन्दा ए,
ओ अख लाउँदा नहीं रात सारी सारी,
रतनों दिया गऊआं चार दा।
लेखा बारह घड़ियां दा,
बारह साल च चुकाउना पै गया,
ओ धरती नू भाग लग गए,
आके भोले दा पुजारी जिथे बह गया,
ओ पीरति भी सच आखदा,
मैं ता ओहदे नाम ला दित्ती जींद सारी,
रतनों दिया गऊआं चार दा।
भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)भजन श्रेणी : विविध भजन/ सोंग हिंदी Bhajan/ Song Lyrics
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