शिव का रूप अनूप अति पावन लिरिक्स Shiv Ka Rup Anup Lyrics
शिव का रूप अनूप अति पावन लिरिक्स Shiv Ka Rup Anup Lyrics
जय अमरनाथ जय विश्वनाथ,जय बैद्य नाथ कैलाश नाथ,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
अंग भुजंगम जटा विराजे,
शीश चंद्र छवि अनुपम साजे,
दर्शन है भव कुप उबारन।
शिव का रूप अनूप अति पावन,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
बाल त्रिपुण्ड तन बाघम्बर,
वामांगी शिव शक्ति शुभंकर,
सुंदर सत्य स्वरुप सनातन,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
शिव का रूप अनूप अति पावन।
हर हर महादेव,
ॐ नमः शिवाय,
हर हर महादेव,
ॐ नमः शिवाय।
शिव त्रिपुरारी त्रिकाल दर्शी,
देव त्रिनेत्र धारी,
शिव त्रिपुरारी त्रिकाल दर्शी,
देव त्रिनेत्र धारी,
तेजोमय शिव परम प्रकाशी,
कालबिंग का पुजारी,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
शिव का रूप अनूप अति पावन।
हर हर महादेव महादेव,
हर हर महादेव महादेव,
हर हर महादेव महादेव,
हर हर महादेव महादेव,
भस्म रमाये भंग सुहाये,
शिव की अद्भुत माया,
भस्म रमाये भंग सुहाये,
शिव की अद्भुत माया,
देव दनुज गण जिव हर एक कण,
सब में शिव ही समाया,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
शिव का रूप अनूप अति पावन।
भोलेनाथ भोलेनाथ,
भोलेनाथ भोलेनाथ,
गले मुंड माला सोही मृग छाला,
थाट हैं शिव के निराले,
गले मुंड माला सोही मृग छाला,
थाट हैं शिव के निराले,
निल कंठ शिव शिव महादानी,
देवो के भी रखवाले,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
शिव का रूप अनूप अति पावन।
महादेव महादेव,
महादेव महादेव।
जय अमरनाथ जय विश्वनाथ,
जय बैद्य नाथ कैलाश नाथ,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
शिव का रूप अनूप अति पावन,
अंग भुजंगम जटा विराजे,
शीश चंद्र छवि अनुपम साजे,
दर्शन है भव कुप उबारन।