श्याम म्हारे घरा ले चालूं रे भजन लिरिक्स

श्याम म्हारे घरा ले चालूं रे Shyam Mhare Ghara Le Chalu Krishna Bhajan

 
श्याम म्हारे घरा ले चालूं रे लिरिक्स Shyam Mhare Ghara Le Chalu Lyrics

श्याम म्हारे घरा ले चालूं रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै,
सिया मरेलो रै साँवरा, सियां मरे लो रे,
श्याम महारे घरा ले चालूं रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै।

खाटू वाला खारडा में सियां मरे लो भाया,
ठंडी ठंडी भाळ चाल सी,
थर थर कांपे काया,
खाटू वाले खारडे में सिया मरेलो भाया,
थारा दांत कड़ा कड़ बोले रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै,
श्याम महारे घरा ले चालूं रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै।

महारे घरा छै गूदड़ भाया,
जाके सो सो कारी,
एक ओढ़ स्यां एक बिच्छा स्यां,
रात काटस्यां सारी,
कैया नाके नाके डौले रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै,
श्याम महारे घरा ले चालूं रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै।

माखन मिश्री तन्ने चाये,
बाण पड़ी है खोटी,
म्हारे घरा हे बाजरा की रूखी सुखी रोटी,
गुड़ को दलियो सागे ले ले रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै,
श्याम महारे घरा ले चालूं रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै।

आव आव तू बेगो आज्या,
पकड़ आंगली महारी,
सर्दी मरता थर थर काँपा,
बाट जोवतो थारी,
बाबा म्हारे सागे होले रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै,
श्याम महारे घरा ले चालूं रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै।

हरदम थारी सेवा करस्यूँ,
नित उठ भोग लगा स्यूं,
धुप दिप नैवेध सजाकर रोज आरती गा स्यूँ,
सेवक चरना चित्त डोले रे
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै,
श्याम महारे घरा ले चालूं रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रै।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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