सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी

सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी

सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी,
हुण प्यार भुलाया नहीं जांदा,
सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी,
हुण प्यार भुलाया नहीं जांदा,
चुप करके हथ मैं फड़ा बैठी,
हुण हथ वी छुड़ाया नहीं जांदा।

मैंनू लोकी ताने मारदे ने,
घरवाले वी दुतकारदे ने,
तेरे दर ते कदम बढ़ा बैठी,
हुण पिछ्छे हटाया नहीं जांदा,
सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी,
हुण प्यार भुलाया नहीं जांदा।

मैंनू लोकी सारे पूछदे ने,
तेरा शाम केड़ी गली वसदा ये,
ओ ता रोम रोम विच्च वसदा ये,
ऐदा पता बताया नहीं जांदा,
सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी,
हुण प्यार भुलाया नहीं जांदा।

मैंनू पुछ्छण सहेलियाँ दस अड़िये,
कींवें शाम नूं कीत्ता ऐ वस्स अड़िये,
ऐ गल्ल नहीं है दस्सन दी,
ऐ राज बताया नहीं जांदा,
सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी,
हुण प्यार भुलाया नहीं जांदा।

मैंनू सोहणे ने अपनाया ये,
जीने दा रस्ता दिखाया ये,
मैं आनंदपुर विच्च जा बैठी,
हुण वापस आया नहीं जांदा,
सोहणे नाल अखियाँ ला बैठी,
हुण प्यार भुलाया नहीं जांदा।



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