तुलसा की सहेली चार वो गई गंगा स्नान Tulasa Ki Saheli Char Tulasi Mata Bhajan
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को,
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को।
एक सहेली जाट की,
वो गई गंगा स्नान को,
उसकी नथनी खोए गई नाक की,
वाको खूब लड़ो भरतार भरतार,
वो गई गंगा स्नान को,
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को।
एक सहेली भाट की,
वा की झुमकी खो गई डाठ की,
वाको खूब लड़ो भरतार भरतार,
वो गई गंगा स्नान को,
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को।
एक सहेली बनिए की,
बाकी तागड़ी खो गई ढूंगे की,
वाको खूब लड़ो भरतार भरतार,
वो गई गंगा स्नान को,
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को।
एक सहेली बामन की,
वाकी पायल खो गई पामन की,
वाह को खूब लड़ो भरतार भरतार,
वह गई गंगा स्नान को,
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को।
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को,
तुलसा की सहेली चार हो चार,
वो गई गंगा स्नान को।भजन श्रेणी : तुलसी माता के भजन Tulasi Mata Bhajan (तुलसी माता के अन्य सभी भजन देखें )
तुलसा की सहेली चार वो गई गंगा स्नान लिरिक्स Tulasa Ki Saheli Char तुलसा की
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