विश्व धर्म की जय हो जय हो, एक हमारा नारा, ऋषि मुनियोंकी संतति हम हैं, उच्च आदर्श हमारा।
नियमित शाखा संस्कारो से,
सीखे सभी नियम अनुशासन, समाज प्रति हो अक्षय निष्ठा करे, समर्पित तन मन धन हो, धर्मं भूमि का कण कण, तरुण तरुण हैं प्राणों से प्यारा, ऋषि मुनियोंकी संतति हम हैं, उच्च आदर्श हमारा।
रूढी कुरीति और विषमता, ऊंच नीच का भाव मिटाकर,
Desh Bhakti Geet Lyrics in Hindi
संघटना की शंख ध्वनि हो, बंधू बंधू का भाव जगाकर, नवजाग्रुथी का सूर्य उगाये हैं, संकल्प हमारा, ऋषि मुनियोंकी संतति हम हैं, उच्च आदर्श हमारा।
अपने शील तेज पौरुष से, करे संगठित हिंदू सारा, धरती से लेकर अंबर तक,
गूँज उठे जयकार हमारा, प्रतिपल चिंतन धेय देव का, जीवन कार्य हमारा, ऋषि मुनियोंकी संतति हम हैं, उच्च आदर्श हमारा।
विश्व धर्म की जय हो जय हो, एक हमारा नारा, ऋषि मुनियोंकी संतति हम हैं, उच्च आदर्श हमारा।
विश्व धर्मं की जय हो जय हो एक हमारा नारा।।देशभक्ति गीत।।