श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
ये कैसी दातारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष ना सोहे,
बिन बालक ज्यू नारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
श्याम सूंदर ने खुश हो कर,
तुम्हे अपना रूप दिया है,
बाबा अपना रूप दिया है,
बाबा अपना रूप दिया है,
हमने भी उस रूप का दर्शन,
सौ सौ बार किया है,
दर्शन सौ सौ बार किया है,
दर्शन सौ सौ बार किया है,
हमारे संकट दूर ना हो,
तो ये बदनामी थारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
ना मैं चाहूँ हीरे मोती,
ना चाँदी ना सोना,
ना चाँदी ना सोना,
ना चाँदी ना सोना,
मेरे आँगन भेज दे बाबा,
तुझसा एक सलोना,
बाबा तुझसा एक सलोना,
बाबा तुझसा एक सलोना,
हम को क्या जो वन उपवन में,
फूल रही फुलवारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
आलूसिंह जी भक्त तिहारे,
केशर तिलक लगावे,
थारे केशर तिलक लगावे,
थारे केशर तिलक लगावे,
गल पुष्पों की माला थाने,
आभूषण पहनावे,
थारे आभूषण पहनावे,
थारे आभूषण पहनावे,
तेरे मंदिर माही बाबा,
ईत्र की महिमा भारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
जब तक आशा होगी ना पुरी,
दर से हम ना हटेगें,
बाबा दर से हम ना हटेगें,
बाबा दर से हम ना हटेगें,
सब भक्तों को बहका देंगे,
तेरा नाम ना लेंगे,
बाबा तेरा नाम ना लेंगे,
बाबा तेरा नाम ना लेंगे,
सोच ले तू भक्तो का पलड़ा,
सदा रहा है भारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
ये कैसी दातारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष ना सोहे,
बिन बालक ज्यू नारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
ये कैसी दातारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष ना सोहे,
बिन बालक ज्यू नारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
श्याम सूंदर ने खुश हो कर,
तुम्हे अपना रूप दिया है,
बाबा अपना रूप दिया है,
बाबा अपना रूप दिया है,
हमने भी उस रूप का दर्शन,
सौ सौ बार किया है,
दर्शन सौ सौ बार किया है,
दर्शन सौ सौ बार किया है,
हमारे संकट दूर ना हो,
तो ये बदनामी थारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
ना मैं चाहूँ हीरे मोती,
ना चाँदी ना सोना,
ना चाँदी ना सोना,
ना चाँदी ना सोना,
मेरे आँगन भेज दे बाबा,
तुझसा एक सलोना,
बाबा तुझसा एक सलोना,
बाबा तुझसा एक सलोना,
हम को क्या जो वन उपवन में,
फूल रही फुलवारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
आलूसिंह जी भक्त तिहारे,
केशर तिलक लगावे,
थारे केशर तिलक लगावे,
थारे केशर तिलक लगावे,
गल पुष्पों की माला थाने,
आभूषण पहनावे,
थारे आभूषण पहनावे,
थारे आभूषण पहनावे,
तेरे मंदिर माही बाबा,
ईत्र की महिमा भारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
जब तक आशा होगी ना पुरी,
दर से हम ना हटेगें,
बाबा दर से हम ना हटेगें,
बाबा दर से हम ना हटेगें,
सब भक्तों को बहका देंगे,
तेरा नाम ना लेंगे,
बाबा तेरा नाम ना लेंगे,
बाबा तेरा नाम ना लेंगे,
सोच ले तू भक्तो का पलड़ा,
सदा रहा है भारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
दानी होकर क्यूँ चुप बैठा,
ये कैसी दातारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
बिन फल के जो वृक्ष ना सोहे,
बिन बालक ज्यू नारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे,
ओ श्याम बाबा,
क्यूँ तेरे भक्त दुखयारी रे।
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।
Dani Hokar Kyu Chup Baitha Shyam Bhajan - Shyam Singh Chouhan Khatu | दानी होकर क्यूँ चुप बैठा
स्वर: महाराज श्री श्याम सिंह जी चौहानWriter: Ravindra Ji Jain
Music: Dipankar Saha
Label: Shyam Singh Chouhan Khatu
Contact: 9829406461