अगर हम नहीं देश के काम आये, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा, अगर हम नहीं देश के काम आये, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।
चलो श्रम करें आज खुद को संवारे, युगों से चढ़ी जो खुमारी उतारें,
अगर वक्त पर नहीं जाग पाये, सुबह क्या कहेगी पवन क्या कहेगा, अगर हम नहीं देश के काम आये, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।
मधुर गंध का अर्थ है खूब महकें, पड़े संकटों की भले मार सहके, अगर हम नहीं पुष्प सा मुस्कुराये, लता क्या कहेगी चमन क्या कहेगा, अगर हम नहीं देश के काम आये, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।
Desh Bhakti Geet Lyrics in Hindi
बहुत हो चुका स्वर्ग भू पर उतारें, करें कुछ नया स्वस्थ सोचें विचारें, अगर हम नहीं ज्योति बन झिलमिलाये, निशा क्या कहेगी भुवन क्या कहेगा, अगर हम नहीं देश के काम आये, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।
अगर हम नहीं देश के काम आये, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा, अगर हम नहीं देश के काम आये, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।
अगर हम नहीं देश के काम आए धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।।देशभक्ति गीत।।
विद्या भारती उत्तर क्षेत्र हिंदी गीत सत्र 2022 - 23 अगर हम नहीं देश के काम आए धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।।ध्रु०।। चलो श्रम करें आज खुद को सवाँरें युगों से चढ़ी जो खुमारी उतारें अगर वक्त पर नहीं जाग पाए सुबह क्या कहेगी पवन क्या कहेगा मधुर गंध का अर्थ है खूब महकें पड़े संकटों की भले मार सहके अगर हम नहीं पुष्प सा मुस्कुराए लता क्या कहेगी चमन क्या कहेगा।।२।।