हृदय में मेरे सतगुरू आकर लिरिक्स Hridya Me Mere Satguru Lyrics

हृदय में मेरे सतगुरू आकर लिरिक्स Hridya Me Mere Satguru Lyrics

 
हृदय में मेरे सतगुरू आकर लिरिक्स Hridya Me Mere Satguru Lyrics

हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये,
हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये।

कब से लगी है आस कि,
तू दिल में आ बसे,
अब ज्यादा मेरे सब्र को,
मत आज़माइये,
हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये।

देखूँ मैं दिल में सौंवरी,
प्यारी छवि तेरी,
आकर न दिल से फिर,
कभी भगवान जी जाईये,
हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये।

दिन रात आँख में हो,
तस्सव्युर तेरा प्रभु,
रहने का बस ठिकाना,
यहीं अब बनाइये,
हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये।

दासों के दास का,
तेरे चरणों में स्वर्ग हैं,
चरणों से अब तो,
दूर ना हरगिज़ हटाइये,
हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये।

हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये,
हृदय में मेरे सतगुरू,
आकर समाइये,
सूनी पड़ी यह,
दिल की नगरिया बसाइये।
 

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हिरदय में मेरे सतगुर आकर समाइय |
सूनी पड़ी यह दिल की नगरिया बसाइये
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