फागुण मेला आ गया भजन

फागुण मेला आ गया भजन

 
फागुण मेला आ गया भजन Fagun Mela Aa Gaya Lyrics, Fagun Mela Aa Gaya

सजा है सुन्दर सा दरबार,
उसमे बैठे लखदातार,
लाखों की है भीड़ अपार,
लम्बी लम्बी लगी कतार,
फाल्गुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।

आ गया आ गया साँवरे का
सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुन ले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
मंदिर के आगे श्याम दीवाने,
धक्का मुक्की खाये हैं,
लब से देखो फिर भी बाबा,
ये श्याम श्याम ही गाये हैं,
खाटू नगरी सजी है आज,
बड़ा अनोखा ये त्यौहार,
फाल्गुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।

आ गया आ गया साँवरे का
सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुन ले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
केसरिया लागे है धरती,
होती है जय जयकार है,
सब दूर दूर से आये दीवाने,
बनके सेवादार है,
चूक ना जाना मौका यार,
संग में ले लो सब परिवार,
फाल्गुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।

आ गया आ गया साँवरे का
सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुन ले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
फाल्गुन की ग्यारस पे भक्तों,
ये मेला फिर से आता है,
जो खाटू नगरी जाता है,
वो श्याम की सेवा पाता है,
लुटा रहा है हाथ पसार,
बैठा खाटू का सरदार,
फाल्गुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।

आ गया आ गया साँवरे का
सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुन ले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
रींगस से खाटू तक देखो,
लगता मेला ही मेला है,
मेरा बाबा सबके साथ चले,
सत्या नहीं कोई अकेला है,
भारती करती क्यों तू विचार,
ले ले ध्वजा हो जा तैयार,
फाल्गुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।

सजा है सुन्दर सा दरबार,
उसमे बैठे लख दातार,
लाखों की है भीड़ अपार,
लम्बी लम्बी लगी कतार,
फाल्गुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।
सजा है सुन्दर सा दरबार,
उसमे बैठे लखदातार,
लाखों की है भीड़ अपार,
लम्बी लम्बी लगी कतार,
फाल्गुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।

फाल्गुन मेला खाटू श्याम जी मंदिर में लगने वाला एक प्रसिद्ध मेला है। मेला हर साल फाल्गुन के हिंदू महीने के दौरान आयोजित किया जाता है, जो फरवरी या मार्च में पड़ता है, और पूरे देश से बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है।

Fagun Mela Aa Gaya | फागुन मेला आ गया | Khatu Shyam Latest Bhajan | Bharti Kumawat | Full HD Video

Song: Fagun Mela Aa Gaya
Singer: Bharti Kumawat
Music: Ashish Dadhich
Lyricist: Rakesh Saini Satya
Best Wishes: Satish Kumawat
Special Thanks: Taresh Soni, Sandeep Kumawat

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