जीती हूँ तुम्हे देख के मरती हूँ तुम्ही Jeeti Hu Tumhe Dekh Ke

जीती हूँ तुम्हे देख के मरती हूँ तुम्ही पे लिरिक्स Jeeti Hu Tumhe Dekh Ke Lyrics, कृष्ण भजन श्री विनोद जी अग्रवाल

जीती हूँ तुम्हे देख के मरती हूँ तुम्ही पे,
तुम हो जहा साजन मेरी दुनिया है वही पर,
जीती हूँ तुम्हे देख के मरती हूँ तुम्ही पे।

इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ छोड़ के,
उम्र यु ही गुजर जाए तेरे साथ गुजर जाए,
जीती हूँ तुम्हे देख के मरती हूँ तुम्ही पे।

अखियो के झरोखे से मैंने देखा जो सांवरे,
तुम दूर नजर आये बड़ी दूर नजर आये,
अखियो के झरोखे से मैंने देखा जो सांवरे,
मन में तुम्ही मुस्काये मन में तुम्ही मुस्काये
आखियो के जरोको से मैंने देखा जो सँवारे

इक मन था मेरे पास में अब खोने लगा है,
पाकर तुम्हे साजन हमे कुछ होने लगा है,
इक तेरे भरोसे पे सब बैठा हूँ छोड़ के
उम्र यु ही गुजर जाए तेरे पास गुजर जाए,
आखियो के झरोखे से मैंने देखा जो सांवरे।

जीती हूं तुम्हे देख के मरती हूँ तुम्ही पे,
तुम हो जहा साजन मेरी दुनिया है वहीँ पर,
जीती हूँ तुम्हे देख के मरती हूँ तुम्ही पे।




विनोद अग्रवाल जी || जीती हूँ सिर्फ तुम्हे देख कर मरती हूँ सिर्फ तुम्ही पर || Jeeti Hu Sirf Tumhe

 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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