आज म्हारे श्यान जी की ज्योत जगाई है

आज म्हारे श्यान जी की ज्योत जगाई है लिरिक्स

दाता को दरबार देखो,
कितनों सुखदाई है,
आज म्हारे श्याम जी की,
ज्योत जगाई है,
दाता को दरबार देखो,
कितनों सुखदाई है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।

चुके मत रे बावलिया
तू घरया पड्यो मत सोवे,
माणस काय ने सो सो कर
बैठ मता तू खोवे,
बड़े भाग से श्यामजी की,
ग्यारस आई  है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।

याहि ज्योत सुखा की देवा,
याही कष्ट मिटावे,
मन को मेल मिटा ले आकर,
क्यों इतनों भरमावे,
चानण की ग्यारस ने जागे,
ज्योत सवाई है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।

श्याम नाम का हीरा मोती,
या नित ही बरसावे,
झोली भर भर बिन पीसा ही,
आवनियो ले जावे,
लखदातार की ज्योत,
आज बांटे सकलाइ है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।

महल मालिया माल खजाना,
कोई साथ ना जावे,
भजन भाव ही अंत समय में,
बेडो पार लगावे,
करतब से ही मिले भलाई,
और बुराई है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।

सोने बरगी काया के तू,
मत ना धूल लगावे,
श्याम बगीची सींच सींच,
तू क्यों ना फूल खिलावे,
धरम करम की लीक बावरा,
क्यों बिसराई है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।

श्याम मंडल या ज्योत निरखबा,
सबने रोज बुलावे,
आंख्या में भर ज्योत जोत की,
महिमा रोज सुनावे,
आवनिया के ताई,
पलका इंदु बिछाई है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।


दाता को दरबार देखो,
कितनों सुखदाई है,
आज म्हारे श्याम जी की,
ज्योत जगाई है,
दाता को दरबार देखो,
कितनों सुखदाई है,
आज म्हारे श्याम जी की
ज्योत जगाई है।


ज्योत वंदना - Jyot Vandana - Khatu Shyam Ji Bhajan - Lyrical Bhajan - Anup Sharma - Saawariya
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