मैं दासी बन जाऊं मनमोहन मुरली वाले की
मैं दासी बन जाऊं मनमोहन मुरली वाले की लिरिक्स
मैं दासी बन जाऊं,मनमोहन मुरली वाले की,
मनमोहन मुरली वाले की,
घनश्याम मुरली वाले की।
एक मेरे मन में ऐसी आवे,
मोर पंख बन जाऊं,
तेरे मुकुट में सज जाऊं,
मन मोहन मुरली वाले की,
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की।
एक मेरे मन में ऐसी आवे,
मैं कजरा बन जाऊं,
नैनों में समा जाऊं,
मन मोहन मुरली वाले की,
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की।
एक मेरे मन में ऐसी आवे,
मैं बंसी बन जाऊं,
होठों से लग जाऊं,
मन मोहन मुरली वाले की,
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की।
एक मेरे मन में ऐसी आवे,
माला मैं बन जाऊं,
गले से लिपट जाऊं,
मन मोहन मुरली वाले की,
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की।
एक मेरे मन में ऐसी आवे,
पीताम्बर बन जाऊं,
अंगो से लिपट जाऊं,
मन मोहन मुरली वाले की,
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की।
एक मेरे मन में ऐसी आवे,
पायल मैं बन जाऊं,
पैरों में सज जाऊं,
मन मोहन मुरली वाले की,
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की।
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की,
मनमोहन मुरली वाले की,
घनश्याम मुरली वाले की।
मैं दासी बन जाऊं,
मनमोहन मुरली वाले की,
मनमोहन मुरली वाले की,
घनश्याम मुरली वाले की।
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