मीरा विष का प्याला पी गई रे लिरिक्स Meera Vish Ka Pyala Pee Lyrics/ Meera Vish Ka Pyala Pee Gayi Re Bhajan
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर पार उतर गई रे,
विष का प्याला राणा ने भेजियो देओ मीरा ने पिलाये,
कर चरणमत पी गई रे दे जानो गोपाल,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
सर्प पिटारो राणो ने भेजो देयो मीरा ने जाए,
कॉल टिकानों दे किया रे बन गया नो सरकार,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
प्रेम के वश हो नन्द को लालो भिगो भिगो आयो,
मीरा ने संवलियाँ सेठ अमृत घोल पिलाइयो,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
पीवो प्याला प्रेम का – अखीया को लाल।
भजन करो श्री राम – तो क्या करेगा काल।
मीरा विष का प्याला पी गई रे भजन लिरिक्स
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
जहर कटोरा राणो भेजिया,
दीजो मीरा ने जाई।
भर चरणामृत पी गई रे,
आप जाणो गोपाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
सर्प पिटारा राणा ने भेज्या,
दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीटारों दखीयों रे,
निकल्यो नोसर हार।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
शेर पिंजरा राणा ने भेज्या,
दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीजरो देखीयो रे,
निकल्यो सालग राम।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
हाथ जोड़कर करु वीणती,
सुण लिज्यो गोपाल।
बाई मीरा नै सतगुरु मीलीया,
हो गई वो निहाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
विष का,प्याल पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,पार उतर गई रे।
पार उतर गयी रे मीरा पार उतर गई।
जहर कटोरा राणो भेजिया,दीजो मीरा ने जाई।
भर चरणामृत पी गई रे,आप जाणो गोपाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
सर्प पिटारा राणा ने भेज्या,दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीटारों दखीयों रे,निकल्यो नोसर हार।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
शेर पिंजरा राणा ने भेज्या,दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीजरो देखीयो रे,निकल्यो सालग राम।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
हाथ जोड़कर करु वीणती,सुण लिज्यो गोपाल।
बाई मीरा नै सतगुरु मीलीया, हो गई वो निहाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
श्याम नाम की डोर पकड़ कर पार उतर गई रे,
विष का प्याला राणा ने भेजियो देओ मीरा ने पिलाये,
कर चरणमत पी गई रे दे जानो गोपाल,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
सर्प पिटारो राणो ने भेजो देयो मीरा ने जाए,
कॉल टिकानों दे किया रे बन गया नो सरकार,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
प्रेम के वश हो नन्द को लालो भिगो भिगो आयो,
मीरा ने संवलियाँ सेठ अमृत घोल पिलाइयो,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
पीवो प्याला प्रेम का – अखीया को लाल।
भजन करो श्री राम – तो क्या करेगा काल।
मीरा विष का प्याला पी गई रे भजन लिरिक्स
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
जहर कटोरा राणो भेजिया,
दीजो मीरा ने जाई।
भर चरणामृत पी गई रे,
आप जाणो गोपाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
सर्प पिटारा राणा ने भेज्या,
दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीटारों दखीयों रे,
निकल्यो नोसर हार।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
शेर पिंजरा राणा ने भेज्या,
दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीजरो देखीयो रे,
निकल्यो सालग राम।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
हाथ जोड़कर करु वीणती,
सुण लिज्यो गोपाल।
बाई मीरा नै सतगुरु मीलीया,
हो गई वो निहाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
विष का,प्याल पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,पार उतर गई रे।
पार उतर गयी रे मीरा पार उतर गई।
जहर कटोरा राणो भेजिया,दीजो मीरा ने जाई।
भर चरणामृत पी गई रे,आप जाणो गोपाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
सर्प पिटारा राणा ने भेज्या,दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीटारों दखीयों रे,निकल्यो नोसर हार।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
शेर पिंजरा राणा ने भेज्या,दीजो मीरा ने जाई ।
खोल पीजरो देखीयो रे,निकल्यो सालग राम।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
हाथ जोड़कर करु वीणती,सुण लिज्यो गोपाल।
बाई मीरा नै सतगुरु मीलीया, हो गई वो निहाल।
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
राम नाम डोर पकड़ ने,
पार उतर गई,
पार उतर गयी रे,
मीरा पार उतर गई।
Meera Jahar Ka Pyala Pee Gayi Re Bhajan
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे, पार उतर गई रे,
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
जहर कटोरो राणो भेज्यो,
दीज्यो मीरा के हाथ रे,
कर चरणमत पी गई रै,
थे जाणो गोपाल,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
सर्प पिटारो राणो ने भेज्यो,
दीज्यो मीरा के हाथ रे,
खोल पिटारो देखियो,
निकल्यो नवसर हार,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
बिच्छू पिटारो राणा ने भेज्यो,
दीज्यो मीरा के हाथ रे,
खोल पिटारो देखियो,
निकल्यो सालिग्राम,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
बाई मीरा को सद्गुरु मिल गया,
बाई मीरा को सद्गुरु मिल गया,
हो गई वो निहाल,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे, पार उतर गई रे,
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे, पार उतर गई रे,
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
जहर कटोरो राणो भेज्यो,
दीज्यो मीरा के हाथ रे,
कर चरणमत पी गई रै,
थे जाणो गोपाल,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
सर्प पिटारो राणो ने भेज्यो,
दीज्यो मीरा के हाथ रे,
खोल पिटारो देखियो,
निकल्यो नवसर हार,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
बिच्छू पिटारो राणा ने भेज्यो,
दीज्यो मीरा के हाथ रे,
खोल पिटारो देखियो,
निकल्यो सालिग्राम,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
बाई मीरा को सद्गुरु मिल गया,
बाई मीरा को सद्गुरु मिल गया,
हो गई वो निहाल,
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
मीरा ज़हर का-प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे, पार उतर गई रे,
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे…
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे, पार उतर गई रे,
मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर,
भव पार उतर गई रे
Meera vis ka pyala pigi re // मीरा विष का प्याला पिगी / New Rajasthani Bhajan // Pr Degana
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